नई दिल्ली : भारतीय पैरा तैराक मोहम्मद शम्स आलम शेख ने सोमवार को आरोप लगाया कि उन्हें आईजीआई एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर लेने के लिए लगभग 90 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। वह शेख मेलबर्न से करीब 12 घंटे की लंबी यात्रा के बाद सोमवार शाम को ही दिल्ली पहुंचे थे। आलम के मुताबिक उन्होंने एयर इंडिया के केबिन क्रू को सूचित किया था कि उन्हें लैंडिंग के बाद अपना खुद का व्हीलचेयर चाहिए था, लेकिन उन्हें एक ‘असहज’ और ज्यादा बड़ा आकार का व्हीलचेयर का प्रदान किया गया।
हालांकि, इसपर एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने खेद जताते हुए कहा कि उन्हें विमान प्रक्रिया के अनुसार एक व्हीलचेयर प्रदान किया गया था। सुरक्षा कारणों की वजह से उनका निजी व्हीलचेयर थोड़ी देर में पहुंचा, यह हमारे नियंत्रण से बाहर था। प्रवक्ता ने कहा, ‘जैसे ही विमान ने लैंड किया, प्रक्रिया के अनुसार आलम को गलियारे में ही व्हीलचेयर प्रदान की गई। उनकी निजी व्हीलचेयर उचित सुरक्षा मंजूरी के बाद थोड़ी देर में आ गई। इस दौरान एयरपोर्टकर्मी लगातार उनके साथ थे। उन्होंने देरी के कारण हुई असुविधा के लिए खेद जताया और कहा कि यह हमारे नियंत्रण से परे था।
वहीं, आलम ने लिखा, ‘एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर बड़े हैं। कोई भी उन्हें अपने दम पर ड्राइव नहीं कर सकता है, उन्हें धक्का देना पड़ता है। मैं किसी को वॉशरूम में आने के लिए कैसे कह सकता हूं? अगर अन्य देश अपनी व्हीलचेयर प्रदान कर सकते हैं, तो हम उन्हें भारत में क्यों नहीं प्राप्त कर सकते हैं? यह पहली बार नहीं है जब मैंने इसका सामना किया है, यह घरेलू उड़ानों में पहले भी हुआ है।’
आलम लिखते हैं, ‘डेढ़ घंटे के इंतजार के बाद मुझे मेरी व्हीलचेयर मिली। अपने ट्वीट के माध्यम से मैं जागरूकता बढ़ाना चाहता था कि अगर कोई अपनी व्हीलचेयर का उपयोग करने के लिए कह रहा है तो कृपया उन्हें अनुमति दें। हर कोई समान आकार में फिट नहीं हो सकता है और वे व्हीलचेयर में सहज नहीं हैं, जहां उन्हें पीछे से धक्का देने के लिए किसी की जरूरत होती है।’