आपराधिक मामलों में 500 एनकाउंटर, 192 करोड़ की संपत्ति जब्त की गयी। 100 दिनों के कार्यकल में योगी उन तमाम मसलों को छूते दिख रहे हैं, जिसके कारण प्रदेश की जनता ने दूसरी बार उन्हें कुर्सी पर बैठाया है। दंगाइयों पर बुलडोजर वाला ऐक्शन की हर किसी ने सराहना की। इसके अलावा चाहे लाउडस्पीकर का मामला रहा हो या अवैध स्टैंड, सीनियर अधिकारियों पर कार्रवाई, पेपर लीक पर सख्ती, अपराधियों पर बुलडोजर से लेकर नियुक्तियों पर योगी का खासा जोर रहा।
-सुरेश गांधी
योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर लिए हैं. इन 100 दिनों में योगी सरकार कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्रण में बेहतर प्रदर्शन की तो दुसरी तरफ अपने फैसलों के दम पर योजनाओं की बारीश की। मतलब साफ है योगी ने इन 100 दिनों में बता दिया कि उनका कोई विकल्प अभी नहीं है। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कड़े फैसले लेने से वे रंचमात्र भी हिचक नहीं रहे हैं। वर्ष 2017 के मार्च में जब पहली बार योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी तो एक सांसद से सीधे वे देश के सबसे प्रदेश के सत्ता शीर्ष की कुर्सी पर बैठे थे। काफी हद तक उनके फैसलों में प्रशासनिक अधिकारियों का दखल दिखता था। अब वे पके-पकाए नेता बन चुके है। बता दें, योगी आदित्यनाथ की सरकार मार्च 2017 में पहली बार आई थी. 2017 से 2022 तक पांच साल के कार्यकाल में सरकार की ओर से दावा किया गया था कि उसने इस कार्यकाल में बेहतर कानून-व्यवस्था और अपराधियों पर नकेल कसने के अपने एजेंडे को पूरा किया. अपराधियों की गोली का जवाब गोली से देने की छूट हो या फिरपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाना हो. इस उपलब्धि को सरकार ने इस साल के फरवरी-मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में लोगों के सामने रखा. मार्च 2022 में योगी आदित्यनाथ दूसरी बार यूपी के सीएम बने. अब सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के भी 100 दिन पूरे कर लिए हैं. इन 100 दिनों में कानून व्यवस्था और अपराध नियंत्र के प्रयासों पर एक नजर डालते हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में पार्टी की ओर से यूपी चुनाव 2022 को लेकर जारी किए गए संकल्प पत्र के 97 प्वाइंट्स को बजटीय प्रावधान के दायरे में लाया गया है। कानून व्यवस्था को लेकर बनी बुलडोजर बाबा की छवि को बरकरार रखने में कामयाब रहे हैं। इसके अलावा दंगों और अन्य मामलों पर रोक के लिए भी कड़े कदम उठाए हैं। नियुक्तियों की प्रक्रिया को शुरू कराई गई है। हर परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी के दायरे में लाने की योजना के लिए सर्वे शुरू कराया गया है। इसके अलावा चुनावी वादों के तहत टैबलेट और स्मार्टफोन वितरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। सीएम योगी ने क्षेत्र की समस्याओं से सरकार के सीधे जुड़ने को लेकर तमाम मंत्रियों को क्षेत्र में जाकर रहने और वहां पर बात करने का जिम्मा सौंपा है। मंत्रियों के बीच जिलों का वितरण हो चुका है। अभियान शुरू होने से लोगों को अपनी समस्या रखने का एक मंच मिला है। साथ ही, बांग्लादेश से विस्थापित 63 हिंदू परिवारों के पुनर्वास के लिए कानपुर देहात में भूमि के पट्टे का आवंटन किया गया है।
दूसरे कार्यकाल में पुलिस ने माफिया के चिन्हिकरण की संख्या भी बढ़ा दी. प्रदेश स्तर के 50 चिन्हित माफिया के साथ-साथ डीजीपी मुख्यालय ने भी 12 माफिया को चिन्हित किया और उनके खिलाफ कार्रवाई का दौर शुरू किया गया. गैंगस्टर एक्ट में 25 मार्च 2022 से जून 2022 तककुल 192 करोड़ 40 लाख 34 हजार 582 रुपये की संपत्ति जब्त की गई है. प्रदेश स्तर के 50 माफिया के अलावा मुख्यालय स्तर पर भी 12 गैंगस्टरकी 92 करोड, 18 लाख, 96 हजार, 700 रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. इस तरह प्रदेश में चिन्हित कुल 62 माफिया की अब तक 284 करोड़, 59 लाख, 31 हजार 282रुपये की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. दूसरे कार्यकाल कि सरकार में प्रदेश का मुख्यालय स्तर से चिन्हित 62 अपराधिक माफिया के अलावा अन्य क्षेत्र के माफिया को भी चिन्हित किया गया है.इनमें 30 खनन माफिया, 228 शराब तस्करी माफिया, 168 पशु तस्कर माफिया, 347 भू-माफिया, 18 शिक्षा माफिया और 359 अन्य माफिया शामिल हैं जिनको चिन्हित किया गयाकानून व्यवस्था और पुलिसिंग पर सवाल भी खड़े कर गई.
दंगाइयों पर बुलडोजर वाला ऐक्शन
नुपुर शर्मा के बयान के बाद मचे विवाद के बाद उत्तर प्रदेश माहौल खराब करने की कोशिश की गई। 3 जून को कानपुर में बवाल हुआ। वहीं, 10 जून को दंगाइयों ने प्रयागराज में बवाल काटा। कानपुर दंगे के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी और प्रयागराज के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद पंप को घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया। इन मामलों में सैकड़ों लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। जावेद मोहम्मद के घर पर बुलडोजर चल चुका है। वहीं, हयाज जफर के करीबी के घर को भी ढाह दिया गया है। इन ऐक्शन के बाद बलवाइयों को शांत करने में कामयाबी मिलती दिख रही है।
लाउडस्पीकर पर बड़ा फैसला
देश में मचे लाउडस्पीकर विवाद के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया। उन्होंने धार्मिक स्थलों पर बजने वाले लाउडस्पीकर की आवाज को परिसर तक ही सीमित करने का आदेश जारी किया गया। योगी ने इस अभियान में पुलिस को भी लगाया तो तमाम धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाए जाने लगे। प्रदेश में तमाम धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटाए जाने की कारवाई हुई। कार्रवाई को लेकर किसी प्रकार का तनाव नहीं हुआ और इसकी तारीफ पीएम नरेंद्र मोदी भी करते नजर आए।
अवैध स्टैंडों पर कसा गया शिकंजा
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अवैध ऑटो स्टैंडों को लेकर अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिनों के भीतर कार्रवाई का आदेश दिया। अवैध स्टैंडों को खत्म कर स्टैंडों को नियमित करने का निर्देश दिया गया है। स्टैंडों के ठेकों में दागदार को किसी भी स्थिति में शामिल नहीं कराया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि स्टैंड में होने वाले अपराधों को रोकने में इससे मदद मिलेगी। इस आदेश को लागू करने की कार्रवाई चल रही है।
सीनियर अधिकारियों पर कार्रवाई
योगी आदित्यनाथ ने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही संदेश देने की कोशिश की है कि सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनहित की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। शुरुआत में ही डीएम सोनभद्र और एसएसपी गाजियाबाद के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करके सरकार ने इसका संदेश भी दे दिया। डीएम औरैया सुनील वर्मा को भी सस्पेंड कर दिया गया। इसके साथ ही पहले महीने में ही दो सौ करोड़ से ज्यादा की अवैध सम्पत्ति ध्वस्त या जब्त की गई है। इसमें 25 माफिया डीजीपी दफ्तर और आठ शासन की ओर से चिन्हित किए गए थे।
पेपर लीक पर सख्ती
परीक्षाओं में पेपर लीक पर अब सरकार की ओर से सख्ती दिखाई जाने लगी है। यूपी बोर्ड परीक्षा में अंग्रेजी का पेपर लीक होने पर सरकार ने सख्ती दिखाते हुए बलिया के डीआईओएस को सस्पेंड और गिरफ्तार कर लिया। कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। तमाम बोर्ड और परीक्षा समितियों को पेपर लीक जैसे मामलों को रोकने के लिए सख्ती से कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
अपराधियों पर बुलडोजर
यूपी चुनाव में बुलडोजर अभियान के कारण बुलडोजर बाबा की उपाधि पाने वाले योगी आदित्यनाथ ने दूसरे कार्यकाल में इस अभियान को जारी रखा। कार्यकाल के शुरुआती 30 दिनों में ही 100 से अधिक अपराधियों और माफियाओं की सम्पत्ति पर बुलडोजर चलाया गया है। प्रदेश में एंटी रोमियो स्क्वॉड को दोबारा शुरू कर दिया गया है। नवरात्रि के पहले दिन से महिला सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जनता की समस्याओं के समाधान के लिए मुख्यमंत्री आवास पर एक बार फिर जनता दर्शन की शुरुआत कराई गई है। इसमें हर दिन सरकार के एक मंत्री की मौजूदगी होती है।
नियुक्तियों पर खासा जोर
सरकार बनने के बाद से लगातार नियुक्तियों पर जोर दिया जा रहा है। सरकार बनते ही पुलिस बल के लिए 86 राजपत्रित और 5295 अराजपत्रित नए पदों को शासन ने मंजूरी दी है। इसके अलावा शिक्षा विभाग में नियुक्तियों को तेज करने का निर्देश दिया गया। यूपीपीएससी की ओर से पिछले 100 दिनों में 3800 से अधिक अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसमें से 3500 से अधिक को नौकरी मिली है। सरकार ने आदेश दिया है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के 20 हजार पदों पर अगले 6 महीने के अंदर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाए। इसके साथ ही सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और स्वास्थ्य सखियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिलाए जाने का भी निर्णय सरकार ने लिया है।
निवेश और रोजगार पर जोर
योगी सरकार चुनाव के दौरान युवाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के दावे के साथ सत्ता में पहुंची है। इस दावे को पूरा करने के लिए पिछले दिनों ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया। इन्वेस्टर को प्रदेश में एक बेहतर माहौल उपलब्ध कराने का संदेश देने की कोशिश हुई। उद्योगों को बढ़ाकर सरकार बेरोजगारों को रोजगार से जोड़ने की रणनीति तैयार कर रही है।
राशन योजना को बढ़ाया
यूपी चुनाव में भाजपा की जीत में राशन योजना का बड़ा योगदान रहा। कोरोना काल में सरकार की ओर दी जाने वाली मुफ्त राशन योजना को योगी सरकार ने तीन माह के लिए बढ़ाया। सरकार बनते ही कैबिनेट बैठक में 15 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचाने वाली योजना का रिटर्न गिफ्ट दिया गया।