लखनऊ : क्षत्रिय अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष ठाकुर विश्वदीप सिंह ने कहा की मर्यादा पुरुषोत्तम राम भारतीय जनमानस के आदर्श हैं, प्रतीक पुरुष हैं, उन्हें एक जाति के दायरे में बांधना अनुचित है। उन्होंने दशहरा महोत्सव,शस्त्र पूजन जैसे कार्यक्रमों में सभी जाति-वर्ण के लोगों को आमंत्रित करने की अपील की है। विश्वदीप सिंह ने कहा की राम के प्रथम मित्र निषादराज थे। कोल भील, बानरराज सुग्रीव भी तत्कालीन जनजातियों के राजा थे। राम ने जाति वर्ण और लिंग की रुढ़ियों को तोड़ा, इसलिए हम उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहते हैं। उन पर सबका समान अधिकार है, राम के आदर्श पूरे विश्व में पूज्यनीय हैं, इसलिए विजय दशमी को सामूहिक रूप से मनाना ही राम के आदर्शों का सम्मान है।