काशी को दी बड़ी सौगात, 1774.34 करोड़ की योजनाओं का किया शिलान्यास
कहा, हमारे पास परिणाम के साथ प्रमाण भी होने चाहिए, युवाओं पर बड़ी जिम्मेदारी है, 1774.34 करोड़ से अधिक की 30 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, विश्वनाथ धाम को लेकर जहां पूरी दुनिया में उत्साह है, वहीं पहली बार हम काशी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नावों को सीएनजी से जोड़ने का भी विकल्प दे रहे है, हमारे लिए विकास सिर्फ चमक-धमक नहीं, बल्कि गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी, माताएं-बहनें, सबका सशक्तिकरण भी है, ज्ञान की नगरी काशी में खेलकूद की भी समृद्ध परंपरा, आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम, पीएम मोदी ने अक्षय पात्र के मेगा किचन का किया शुभारंभ, बच्चों की प्रतिभा देख रह गए दंग
-सुरेश गांधी
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र में साढ़े चार घंटे प्रवास के दौरान एकबार फिर करोड़ों की सौगात दी। उन्होंने सबसे पहले एलटी कॉलेज में पूर्वांचल के सबसे बड़े अक्षय पात्र मिड डे मील किचन का उद्घाटन किया। जिसमें लगभग एक लाख छात्रों के लिए भोजन पकाने की क्षमता मौजूद है. इसके बाद रुद्राक्ष सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ का उद्घाटन किया. अंत में पीएम मोदी ने डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा में 1774.34 करोड़ की 30 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस दौरान मोदी ने काशी के लोगों का उत्तर प्रदेश चुनाव में दिए गए अपार समर्थन पर धन्यवाद जताते हुए कहा कि शॉर्टकट से देश का भला नहीं होता, हां कुछ नेताओं का हो सकता है। मोदी ने जनसभा की शुरुआत हर-हर महादेव के उद्गोष के बाद भोजपुरी में की। सात वार और नौ त्योहार का जिक्र कर काशी की जनता का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि काशी की आत्मा अविनाशी है, लेकिन काया में निरंतर नवीनता लाने के लिए हम जी-जान से प्रयास कर रहे हैं। हमारा प्रयास काशी को और ज्यादा गतिशील, प्रगतिशील और संवेदनशील बनाने का है। आज हम देख रहे हैं कि जब दुरगामी प्लानिंग होती है तो किस तरह नतीजे भी निकलते हैं। पिछले 8 वर्षों में काशी का इंफ्रास्ट्रक्चर कहां से कहां पहुंच गया है। इससे किसान, मजदूर, व्यापारी सभी को लाभ हो रहा है। व्यापार बढ़ रहा है, कारोबार बढ़ रहा है, पर्यटन में विस्तार हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में आने के बाद काशी में बाहर से आने वाले लोग सवाल करते थे कि यहां इतना कुछ अव्यवस्थित है, ये कैसे ठीक होगा. काशी हमेशा से जीवंत, निरंतर प्रवाहमान रही है. अब काशी ने एक तस्वीर पूरे देश को दिखाई है जिसमें विरासत भी है और विकास भी है. अब काशी की पहचान यहां की गलियां और घाटों को साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित बनाना हो, या फिर गंगा जी को निर्मल बनाने का संकल्प हो, इस पर भी तेज गति से काम चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी के जागरूक नागरिकों ने जिस तरह देश को दिशा देने वाला काम किया है, उसे देखकर मैं आनंदित हूं. काशी में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य आदि हजारों करोड़ की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. हमारा विकास काशी को ज्यादा गतिशील, प्रगतिशील बनाने का है. काशी सबका साथ, सबका विश्वास और सबके प्रयास का बेहतरीन उदाहरण है. काशी के नागरिकों ने पूरे देश को संदेश दे दिया है कि शॉर्टकट से देश का भला नहीं हो सकता, हां कुछ नेताओं का भला हो सकता है. बनारस में जिधर नजर डालो उधर सुधार की गुजाइंश नजर आती थी. साफ दिखता था कि बनारस में दशकों से काम ही नहीं हुआ है. पीएम ने कहा कि देश और दुनिया से बाबा, भक्त भारी संख्या में काशी आने वाले हैं. विश्वनाथ धाम परियोजना पूरी होने के बाद ये पहला सावन उत्सव होगा. विश्वनाथ धाम को लेकर पूरी दुनिया में कितना उत्साह है ये आपने बीते महीनों में खुद अनुभव किया है. आज हम देख रहे हैं कि जब दूरगामी प्लानिंग होती है, तो किस तरह नतीजे भी निकलते हैं. 8 वर्षों में काशी का इंफ्रास्ट्रक्चर कहां से कहां पहुंच गया है. इससे किसान, मजदूर, व्यापारी सभी को लाभ हो रहा है. व्यापार बढ़ रहा है, कारोबार बढ़ रहा है, पर्यटन में विस्तार हो रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि एक तरफ हम देश के शहरों को धुआं मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों के लिए सुविधाओं का विस्तार कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ हम गंगा जी का ध्यान रखने वाले हमारे नाविकों की डीजल और पेट्रोल से चलने वाली नावों को सीएनजी से जोड़ने का भी विकल्प दे रहे हैं. हमारी सरकार ने हमेशा गरीब की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया है, उसके सुख-दुख में साथ देने का प्रयास किया है. हमारे लिए विकास का अर्थ सिर्फ चमक-धमक नहीं है. हमारे लिए विकास का अर्थ है गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी, माताएं-बहनें, सबका सशक्तिकरण. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि काशी ज्ञान, आस्था और अध्यात्म की नगरी तो रही ही है। यहां खेल-कूद की भी एक समृद्ध परंपरा है। आज मैं यहां के खिलाड़ियो का उत्साह देख रहा हूं। मुझे लगता है कि यहां काशी में जो नया स्टेडियम बन रहा है, वो काशी को नई ऊंचाई पर ले जाने वाला है। काशी के अनवरत विकास की ये धारा गंगा जी की तरह ऐसे ही अविरल बहती रहे, इसके लिए हम सभी को प्रयास करना है। काशी की और गंगा जी की स्वच्छता का जो संकल्प हमनें लिया है, उसे कभी भूलना नहीं है।
हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें
शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संयुक्त तत्वावधान में रुद्राक्ष सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद देशभर के शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य आधार शिक्षा को संकुचित सोच के दायरे से बाहर निकालना और उसे 21वीं सदी के विचारों से जोड़ना है। हमारे देश में मेधा की कभी कमी नहीं रही। लेकिन दुर्भाग्य से हमें ऐसी व्यवस्था बनाकर दी गई थी, जिसमें पढ़ाई का मतलब नौकरी ही माना गया। आजादी के बाद शिक्षा नीति में थोड़ा बहुत बदलाव हुआ, लेकिन बहुत बड़ा बदलाव रह गया था। अंग्रेजों की बनाई व्यवस्था कभी भी भारत के मूल स्वभाव का हिस्सा नहीं थी और न हो सकती है। पीएम ने कहा कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम का ये आयोजन उस पवित्र धरती पर हो रहा है जहां आजादी से पहले देश की इतनी महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी. ये समागम आज ऐसे समय हो रहा है, जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है.
अमृत काल में देश के अमृत संकल्पों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी हमारी शिक्षा व्यवस्था और युवा पीढ़ी पर है. काशी को भी मोक्ष की नगरी इसलिए कहते हैं, क्योंकि हमारे यहां मुक्ति का एकमात्र मार्ग ज्ञान को ही माना गया है. इसलिए शिक्षा और शोध का, विद्या और बोध का मंथन, जब सर्व विद्या के प्रमुख केंद्र काशी में होगा, तो इससे निकलने वाला अमृत अवश्य देश को नई दिशा देगा. विकास के लिए शिक्षा जरूरी है. पीएम ने कहा कि नई नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और चॉइस के हिसाब से उन्हें स्किल्ड बनाने पर है. हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें, बल्कि हमारे युवा स्किल्ड हों, कान्फिडेंट हों, प्रैक्टिकल और कैलकुलेटिव हों, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है. पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पीछे मूलभूत उद्देश्य शिक्षा को संकीर्ण विचार-प्रक्रिया की सीमा से बाहर लाना और इसे 21वीं सदी के आधुनिक विचारों के साथ एकीकृत करना है. ये जरूरी है कि देश को आगे ले जाने के लिए जरूरी मानव संसाधन तैयार करने के साथ-साथ हमारी शिक्षा नीति भी राष्ट्र के लिए योगदान देती है.
सरकार ने आपकी सेवा का कोई मौका नहीं छोड़ा
पीएम मोदी ने कहा कि मैं वाराणसी की जनता को धन्यवाद देता हूं कि आपने न सिर्फ मुझे सांसद बनाया बल्कि सेवा करने का भी मौका दिया। हमारी सरकार ने हमेशा गरीब की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया है, उसके सुख-दुख में साथ देने का प्रयास किया है। कोरोना की मुफ्त वैक्सीन से लेकर गरीबों को मुफ्त राशन की व्यवस्था तक, सरकार ने आपकी सेवा का कोई अवसर छोड़ा नहीं है।
नयी शिक्षा नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए नई व्यवस्थाओं का निर्माण, आधुनिक व्यवस्थाओं का समावेश उतना ही जरूरी है। जो पहले कभी भी नहीं हुआ। जिनकी देश पहले कभी कल्पना भी नहीं करता था, वो आज के भारत में हकीकत बन रहे हैं। आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं। स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहां पहले केवल सरकार ही सब करती थी वहां अब प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए युवाओं के लिए नई दुनिया बन रही है। नई शिक्षा नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और चॉइस के हिसाब से उन्हें स्किल्ड बनाने पर है। हमारे युवा स्किल्ड हों, कांफिंडेंट हों, प्रैक्टिकल और कलकुलेटिव हो, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है। पीएम मोदी ने शिक्षाविदों से कहा कि आप सबको वर्तमान को संभालना है। आपके पहले जो करके गए हैं उसको आगे बढ़ाना है। लेकिन आज जो काम कर रहे हैं, उनको भविष्य के लिए ही सोचना होगा। व्यवस्थाएं भी भविष्य के लिए ही विकसित करनी होंगी।
बच्चों संग साझा की खुशियां
अक्षय पात्र के मेगा किचन के शुभारंभ के बाद पीएम मोदी ने सरकारी स्कूल के बच्चों से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी काफी खुश नजर आए। पीएम मोदी तब दंग रह गए जब एक बच्चा उनके सामने शिव तांडव स्तोत्र सुनाने लगा। बच्चों की प्रतिभा देख पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर उनके साथ बैठ गए और बारी-बारी से सभी से कुछ न कुछ पूछने लगे। अपने बीच देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री को पाकर बच्चों के भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। एक छात्र ने पीएम मोदी को योगासन कर दिखाया जिससे वो काफी प्रभावित हुए। उन्होंने बच्चों से बात करते हुए मन लगाकर खूब पढ़ाई करने पर जोर दिया। लगभग 20 मिनट में 10 से अधिक बच्चों से प्रधानमंत्री रूबरू हुए। बच्चों की प्रतिभा का जिक्र पीएम मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम में किया। शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे मेरी काशी के सरकारी स्कूल के 10-12 साल के बच्चों के साथ आज गप्प-गोष्ठी करने का मौका मिला। वहां से मैं सीधे यहां आया हूं। मैं उनसे सुनकर आया हूं और आपको सुनाने आया हूं। मैं चाहूंगा कि मैं जब अगली बार आऊंगा तो जिस स्कूल के बच्चों से मिला हूं, उनके टीचर से मिलना चाहूंगा।