भव्य एवं दिव्य होगी बाबा की शयन आरती, नाटकोंट्टई नगर क्षेत्रम प्रबंध सोसायटी ने 25 किलों की चांदी का बिस्तर-विछावन विश्वनाथ मंदिर को दिया दान
-सुरेश गांधी
वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बदलाव की बयार के साथ ही बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के वैभव में भी लगातार निखार आ रहा है। बाबा का गर्भगृह सोने का होने के बाद अब उनके शयन के लिए पलंग-विछावन भी चांदी की होगी। या यूं कहे बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ अब शयन आरती के बाद चांदी की पलंग पर विश्राम करेंगे। यह पलंग 25 किलो के चांदी की है। इसकी कीमत लगभग 12 लाख रुपये बतायी जा रही है। चांदी के इस पलंग को तमिलनाडू के नाटकोट्टाई नगरम क्षेत्रम संस्था ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को दान किया है। बता दें कि यही सोसायटी प्रतिदिन बाबा के भोग की व्यवस्था देखती है.
हाल ही में बाबा विश्वनाथ के मंदिर के गर्भगृह के अंदर और बाहर की दीवारों पर 60 किलो सोने की परत चढ़ाई गई थी। इससे मंदिर की भव्यता देखते ही बन रही है। बाबा के धाम में आने वाला हर भक्त बाबा के स्वर्णिम मंदिर की आभा देखकर अभिभूत है। स्वजमीन से आठ फीट की ऊंचाई तक सोना लगाया गया है। इसके बाद शिखर से लेकर चौखट तक पूरी तरह से स्वर्णमयी हो गया है। लेकिन अब बाबा विश्वनाथ का पलंग-विछावन भी चंादी की होगी। इस पलंग को बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के बाद शयन आरती के चक्त संस्था द्वारा अर्पित किया गया। मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीकांत मिश्रा ने बताया कि राजराजेश्वर काशीपुराधिपति का रजत पलंग करीब 15 वर्ष बाद भक्त के सहयोग से बदला गया है। बाबा विश्वनाथ शयन आरती के बाद अब इसी नए रजत पलंग पर ही रात्रि विश्राम करेंगे। यह नया पलंग 25 किलो चांदी से बना है। इसे एक दक्षिण भारतीय श्रद्धालु ने श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन को दान किया है। नंदवनम परिसर में तीन दिवसीय महारुद्र यज्ञ की पूर्णाहुति में इसे बाबा दरबार में रखा गया। इस पलंग-विछावन को तमिलनाडु के मदुरई निवासी शिवभक्त ए एन सुब्बा ने बाबा श्री काशी विश्वनाथ के रात्रि विश्राम के लिये चांदी का नया आसन तैयार किया है।
300 साल से चढ़ाते हैं बेलपत्र
श्री काशी नाटकोंट्टई नगर क्षेत्रम् प्रबंध सोसाइटी का सिगरा-रथयात्रा मार्ग पर बगीचा है। बीते 300 साल से इसी बगीचे के बेलपत्र बाबा विश्वनाथ को चढ़ाए जाते हैं। यही संस्था बाबा विश्वनाथ की रोजाना होने वाली आरती की व्यवस्था भी करती है। इसके अलावा बाबा विश्वनाथ धाम के अन्नक्षेत्र में श्रद्धालुओं के फ्री प्रसाद की जो व्यवस्था शुरू की गई है, उसका जिम्मा भी इसी सोसाइटी के पास है। वाराणसी के सिगरा स्थित शिक्रा अन्ना मलईयार नंदवनम परिसर में गो पूजन के साथ महारुद्र यज्ञ का श्री गणेश किया गया. साथ ही नंदवनम् में विश्व कल्याण के लिए आयोजित तीन दिवसीय महारुद्र यज्ञ में देश और विदेशों से भक्त आए हुए हैं. इस यज्ञ के लिए 1008 कलश में गंगाजल लाया गया है. यज्ञ का शुभारंभ विनायक मंदिर के मुख्य पुजारी शिवाचार्य डॉ पिच्चई कूड़कर द्वारा गो पूजन के साथ किया गया. साथ ही दक्षिण भारत के 108 वैदिकों द्वारा श्रीसूक्त के मंत्रों की 1 लाख 8 आहुतियां की गईं. रविवार को यज्ञ पूरा होने के बाद कलश यात्रा से अभिमंत्रित गंगाजल से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया गया। इसके बाद पलंग को बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन को अर्पित किया गया।
चढ़ावा राशि में लगातार वृद्धि
बाबा का धाम जबसे भव्य हुआ है उसके बाद से न सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या बल्कि चढ़ावा राशि में भी लगातार वृद्धि हो रही है। श्रद्धालु अपनी-अपनी क्षमता के मुताबिक दान भी दे रहे हैं। इसी काराण अब तक के इतिहास में इस वित्तीय वर्ष में रिकार्ड चढ़ावा मंदिर में चढ़ा है। यही नहीं, पिछले दिनों गुप्त दान में मिले करीब 60 किलो सोने से मंदिर के गर्भगृह और बाहरी दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया है।