फाइलेरिया सपोर्ट ग्रुप को रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांगता पर किया प्रशिक्षित

स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सीफार ने दिया प्रशिक्षण

लखनऊ : स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था ने मंगलवार को जिले के फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के हरदेव बाबा सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों को प्रशिक्षित किया| सपोर्ट ग्रुप के सदस्यों का रुग्णता प्रबंधन एवं दिव्यांगता (एमएमडीपी) पर प्रशिक्षण कार्यक्रम मोहनलालगंज ब्लॉक के धनुआसांड प्राथमिक विद्यालय में आयोजित किया गया| इस मौके पर मोहनलालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डा. अशोक कुमार ने कहा कि सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत फाइलेरिया की दवा का सेवन साल में एक बार पांच साल लगातार अवश्य करें तभी फाइलेरिया से बचा जा सकता है फाइलेरिया से बचाव ही इसका एकमात्र इलाज है| उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से व्यक्ति की जान तो नहीं जाती है लेकिन यह व्यक्ति को आजीवन अपंग बना देती है| लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के बारे में जागरूक करें| उन्हें यह समझाएं कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, दवा के सेवन से ही इससे बचा जा सकता है|

चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति को अपने प्रभावित अंगों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए| दिन में कम से कम दो बार साफ पानी से धुलकर उसे साफ तौलिए से पोंछना चाहिए| उस पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगानी चाहिए| इसके साथ ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा बताए गए व्यायाम करने चाहिए| फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को अधिक समय तक खड़े नहीं रहना चाहिए सोते समय पैरों के नीचे तकिया लगा लेनी चाहिए और बैठते समय पैरों को नहीं मोड़ना चाहिए फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति सब कुछ खा सकता है| उसे कुछ भी खाने की मनाही नहीं होती है| डा.अशोक ने बताया कि लोगों की यह धारणा गलत है कि फाइलेरिया भूत प्रेत के साये के कारण या किसी के श्राप के कारण होता है बल्कि यह एक मच्छरजनित बीमारी है और इसे हाथी पाँव के नाम से भी जाना जाता है|

इसके संक्रमण के कारण लसिकातंत्र ( लिम्फ नोड) को नुकसान पहुंचता है जिससे शरीर में सूजन आ जाती है|इस बीमारी से बचने के लिए मच्छरों से दूर रहें, इसके लिए अपने घर व आस-पास साफ़-सफाई रखें, पानी इकट्ठा न होने दें| यदि पानी इकट्ठा भी है तो उसमें मिट्टी का तेल या मोबिल ऑयल की कुछ बूंदें डाल दें| रात में मच्छरदानी लगाकर सोएं, फुल आस्तीन के कपड़े पहनें, मच्छररोधी क्रीम लगायें और सोते समय मच्छररोधी अगरबत्ती का प्रयोग करें| इससे न केवल फाइलेरिया से बचाव होगा बल्कि अन्य मच्छरजनित रोगों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से भी बचाव होगा| इन संदेशों के प्रसार में सपोर्ट ग्रुप के सदस्य फाइलेरिया उन्मूलन में विशेष सहयोग दे सकते है|

हरदेव बाबा ग्रुप के बल्लू चौरसिया और विमला यादव ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि फाइलेरिया के कारण जिन मुश्किलों का हम सामना कर रहे हैं, अन्य किसी व्यक्ति को इस तरह की समस्या का सामना न करना पड़े| इसलिए हम सपोर्ट ग्रुप से जुड़े हैं ताकि इस ग्रुप के माध्यम से हम गाँव के अन्य लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने के लिए प्रेरित करसकें| सपोर्ट ग्रुप से जुड़ने के बाद ही हमें पता चला कि यह क्यों होता है| सीफार से डा. एस.के. पांडे ने फाइलेरिया ग्रसित मरीजों में रुग्णता प्रबंधन (एमएमडीपी) का प्रदर्शन करके दिखाया| इसके साथ ही उन्होंने कुछ व्यायाम करके भी दिखाए| इस मौके पर आशा कार्यकर्ता सुभाषिनी और कुसुमा देवी, सीफार से अमृता और राहुल तथा सपोर्ट ग्रुप के सदस्य उपस्थित रहे|

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