पूर्वांचल में मानसून की दस्तक, झमाझम बारिश, आकाशीय बिजली गिरने से 11 मौतें

वाराणसी व बलिया में तीन-तीन, मिर्जापुर में दो, बलिया में दो और भदोही में एक मौत हुई,
काशी विश्वनाथ धाम परिसर में गिरी बिजली, मंधतेश्वर महादेव मंदिर का शिखर क्षतिग्रस्त

-सुरेश गांधी

वाराणसी : मंगलवार की सायंकाल तीन बजे के बाद अचानक आसमान में काले बादल छा गए। हवाओं के साथ पहले बूंदाबांदी, फिर झमाझमा बारिश शुरू हो गई। कुछ देर के लिए मौसम सुहाना हो गया। यह नजारा वाराणसी ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वांचल में देखने को मिला। जबकि आकाशीय बिजली गिरने से भदोही, मिर्जापुर, बलिया, सोनभद्र सहित कई जिलों में 11 लोगों की मौत हो गई। इससे परिवार में कोहराम मच गया। मौसम वैज्ञानियों ने अनुमान जताया है कि 48 घंटे के दौरान अच्छी बरसात होने के आसार है। बता दें, दोपहर बाद तकरीबन तीन बजे आकाश में काले बादलों की आवाजही शुरु हो गयी। देखते ही देखते पूरे आकाश में काले घने बादलों का जमावड़ा हो गया और बारिश शुरू हो गई। बारिश होने से लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी से आ रही पूर्वी हवाओं से मानसून की आगे बढ़ने की स्पीड बढ़ी है। वाराणसी के मिर्जामुराद में मंगलवार की शाम को तेज गड़गड़ाहट के साथ आकाशीय बिजली गिरने से दो किशोर की मौत हो गई। जबकि दर्जनों बच्चे वहां से भागने में सफल रहे। बतातें है कि मिर्जामुराद क्षेत्र के अदमापुर गांव निवासी अवनीश यादव का छोटा पुत्र लल्ला यादव (उम्र 12 वर्ष) व ननिहाल में आए ज्ञानपुर जिले के गिरधरपुर गांव निवासी रामप्रीत यादव का बड़ा बेटा भुगर यादव (उम्र 15 वर्ष) दर्जनों बच्चों के साथ गांव के सिवान में क्रिकेट खेल रहे थे। उसी दौरान तेज गड़गड़ाहट के साथ आकाशीय बिजली गिरी और दोनों की मौके पर ही झूलस दर्दनाक मौत हो गई। जबकि दर्जनों बच्चे वहां से 2 मिनट पहले भागने में सफल रहे नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। मौके पर इस घटना को लेकर गांव में मातम व कोहराम मचा रहा।

बड़ागांव थाना क्षेत्र के गांव में आकाशीय बिजली गिरने से घर से खेत में गोबर फेंकने जा रही 38 वर्ष दुर्गावती देवी की खेत में मौत हो गई। इसी तरह आकाशी बिजली गिरने से हेमंत कुमार यादव 12 वर्ष व प्रभात कुमार यादव 15 वर्ष की मौत हो गई। इसके अलावा काशी विश्वनाथ धाम परिसर में तेज बारिश के बीच बिजली गिरने से मंधतेश्वर महादेव मंदिर का शिखर क्षतिग्रस्त हो गया। मंदिर गंगा द्वार के करीब है। फिलहाल शिखर के हिस्से को सुरक्षित रखा गया है। मिर्जापुर में हालिया के देवला गांव निवासी बबलू की 15 वर्षीय बेटी साधना की बिजली गिरने से मौतहो गयी। बताया जाता है कि बारिश होने पर वह कच्चे मकान में प्लास्टिक लगाने लगी थी कि इसी दौरान आकाशीय बिजली गिरने से घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि खुर्द निवासी रामनारायण की 8 वर्षीय पुत्री नंदिनी की भी आकाशी बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। बभनी गांव में अमृत सरोवर में काम करते समय दो महिला मजदूर प्रिया देवी 38 वर्ष पत्नी कमलेश कुमार व लीलावती देवी 42 वर्ष निवासी फरीदपुर की आकाशी बिजली मौत हो गयी। बलिया में बैरिया और सिकंदरपुर इलाके में आकाशीय बिजली से दो लोगों की मौत हो गई। राम भजन छठ घाट के पास अपने खेत में रखवाली कर रहे थे कि आकाशी बिजली गिरने से उनकी मौत हो गई। जबकि नदी किनारे घाट पर आकाशीय बिजली से राकेश सिंह की मौत हो गई। भदोही थाना क्षेत्र के चौरी क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से सुरेश गौतम व अंकित की मौत हो गई। इसी तरह कोईरौना के द्वार तुलसी पट्टी गांव में शशि भूषण दुबे नामक 45 वर्षीय युवक की मौत हो गई।

आकाशीय बिजली से बचने के उपाय
मॉनसून की दस्तक के साथ ही आकाशीय बिजली ने कई जिलों में अपना कहर ढाया. यहां खेतों में काम कर रहे व कहीं घूमने गए लोग आकाशीय बिजली का शिकार हुए और उनकी मौत हो गई. ऐसे में आकाशीय बिजली को हल्के में लेना बेहद गलत है. क्योंकि आकाशीय बिजली के झटके से मौत बेहद दर्दनाक हो सकती है. ऐसे में लोगों का यह जानना बेहद जरूरी है कि जब आकाशीय बिजली दिखाई दे या गिरे इससे पहले क्या करना चाहिए. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक बरसात में हर साल बिजली गिरने से सैकड़ों लोगों की मौत होती है. बता दें कि साल में ज्यादातर समय आकाशीय बिजली मॉनसून के समय ही गिरती है. लेकिन बिजली कब गिरेगी और कहां गिरेगी यह किसी को मालूम नहीं होता. लेकिन बिजली गिरने से पूर्व हम कई एहतियाती कदम उठा सकते हैं. बारिश के समय खेतों, खुले मैदानों, पेड़ों या किसी ऊंचे स्तंभ के पास न जाएं. क्योंकि इनके पास बिजली गिरने की सबसे ज्यादा संभावना होती है. यदि आप घर के अंदर हैं और बाहर बिजली कड़क रही है तो घर में मौजूद बिजली संचालित उपकरणों से आपको दूर रहना चाहिए. बिजली कड़कड़ाने के दौरान टेलीफोन, मोबाइल, इटरनेट जैसी सेवाओं के इस्तेमाल से बचें. खिड़की दरवाजों को अच्छे से बंद कर लें. अपने आस पास ऐसी कोई चीज या वस्तु न रखे जो बिजली का सुचालक हो. क्योंकि बिजली का सुचालक वस्तु आकाशीय बिजली को अपनी ओर खींचता है. खुली छत पर जाने से बचें. धातु के पाइप, नल, फव्वारे इत्यादि से दू रहें. अगर आप गाड़ी चला रहे हैं और आपकी गाड़ी की छत मजबूत है तभी आप खराब मौसम में बाहर निकलें, अन्यथा न निकलें. बिजली कड़कड़ाने के समय किसी भी धातु से बनी वस्तु के आसपास खड़े न हो, तारों के आसपास न रहें. खराब मौसम में जमीन के सीधा संपर्क से बचें और खाट या फिर बेड्स पर रहें.

कैसे मालूम करें बिजली लगेगी या नहीं
कोई बिजली की चपेट में आने वाला है इसका पता लगाना आसान है. इसके लिए आप खराब मौसम में जब भी घर से बाहर जाएं या घर के अंदर रहें और आप सिर के बाल खड़े हो जाएं और त्वचा में झुनझुनी आने लगे तो समझ जाइए कि आप बिजली की चपेट में आ सकते हैं. इस कारण तत्काल झुककर हाथों से अपने कानों को बंद कर लें. ऐसे मौसम में 30-30 का नियम अपनाना चाहिए। जैसे ही बिजली कड़कने या दिखने लगे तुरंत 30 तक की गिनती करते हुए किसी छोटी इमारत के अंदर छिप जाएं. अपने सारे कामों को 30 मिनट के लिए रोक दें और इस दौरान 30 मिनट तक के लिए किसी भी गैजेट या इलेक्ट्रॉनिक वस्तु का इस्तेमाल न करें.

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