मुंबई : आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और उनके पति की मुसीबतें फिर एक बार बढ़ती नजर आ रही है। सीबीआई (SBI) की एक विशेष अदालत ने पूर्व सीईओ और उनके पति सहित तीन लोगों के खिलाफ दायर आरोप में संज्ञान लेते हुए उन्हें कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन जारी किया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक विशेष अदालत ने बुधवार को आईसीआईसीआई की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत के खिलाफ दायर आरोप में संज्ञान लिया है। विशेष न्यायाधीश एसपी नायक और निंबलकर ने सभी आरोपियों को समन जारी किया है और उन्हें दो अगस्त को कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं। आरोप पत्र पर अदालत के संज्ञान के बाद आरोप तय किए जाते हैं और मुकदमा शुरू होता है।
आरोप पत्र में दावा किया गया है कि चंदा कोचर ने बैंक के मानदंडों को दरकिनार करते हुए वीडियोकॉन समूह की कंपनियों का ऋण मंजूर किया था। चंदा की अध्यक्षता में 2009 में वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये का लोन स्वीकृत किया गया था। वीडियोकॉन की अलग-अलग कंपनियों को राशि वितरित की गई और 64 करोड़ रुपये निवेश के रूप में दीपक कोचर की न्यूपावर रिन्यूएबल लिमिटेड में भेज दिए गए।
सीबीआई का आरोप है कि चंदा वीडियोकॉन के एक फ्लैट में मुंबई में रहती थी। अक्टूबर 2016 में 11 लाख रुपये वही फ्लैट कोचर के पारिवारिक ट्रस्ट को सौंप दिया गया। हालांकि, फ्लैट की असल कीमत उस वक्त 5.25 करोड़ रुपये थी। सीबीआई का आरोप है कि चंदा कोचर ने सभी नियमों को दरकिनार करते हुए वीडियोकॉन समूह को 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मुहैया कराया था।