एएसआई ने कोर्ट में कहा- बदला नहीं जा सकता कुतुबमीनार परिसर का ढांचा

नई दिल्ली : कुतुब मीनार परिसर में पूजा की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने दिल्ली की साकेत कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि जब एएसआई ने स्मारक पर नियंत्रण लिया था, तब वहां पूजा नहीं होती थी। एएसआई ने कहा है कि कानूनन संरक्षित स्मारक में पूजा का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए याचिका खारिज की जाए। 13 अप्रैल को कोर्ट ने एएसआई को निर्देश दिया था कि वो कुतुब मीनार परिसर में मौजूद कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद परिसर में रखी हुई भगवान गणेश की मूर्तियों को परिसर से न हटाए।

इस मामले में पहले से ही पूजा-अर्चना अधिकार को लेकर याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता ने नई अर्जी में कहा है कि गणेश जी की मूर्तियों को नेशनल म्युचुअल अथॉरिटी के दिये सुझाव के मुताबिक नेशनल म्यूजियम या किसी दूसरी जगह विस्थापित नहीं किया जाना चाहिए। इसके बजाए उन्हें परिसर में ही पूरे सम्मान के साथ उचित स्थान पर रखा जाए। वकील विष्णु जैन के जरिये दायर मुख्य याचिका में कहा गया है कि हिंदुओं और जैनों के 27 मंदिरों को तोड़कर ये मस्जिद बनाई गई है। जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव और भगवान विष्णु को इस मामले में याचिकाकर्ता बनाया गया था। उल्लेखनीय है कि 29 नवंबर, 2021 को सिविल जज नेहा शर्मा ने याचिका खारिज कर दी थी। सिविल जज के याचिका खारिज करने के आदेश को डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट में चुनौती दी गई है।

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