एमपीएमएमसीसी एवं एचबीसीएच में ‘ईबस’ जांच शुरु, ईबस तकनीक बिना ऑपरेशन सैंपल लेने में कारगर है
-सुरेश गांधी
वाराणसी : फेफड़ों के बीच के हिस्से (मीडियास्टीनम) में गांठों की समस्या, टीबी के अलावा कई बार कैंसर आदि के कारण भी हो सकती है। ऐसे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए इस स्थान से सैंपल लेकर बायोप्सी की जाती है। बेहद नाजुक इस हिस्से में भोजन नली, हृदय व विभिन्न ग्रंथियां होने के कारण अब तक सैंपल लेने के लिए मरीज का ऑपरेशन करना पड़ता था। लेकिन एंडो ब्रोंकियल अल्ट्रासाउंड (ईबस) तकनीक बिना ऑपरेशन सैंपल लेने में कारगर है। खास बात यह है कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र (एम.पी.एम.एम.सी.सी.) एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एच.बी.सी.एच.) में एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड (ईबस) जांच की शुरु हो गयी है।
दावा है कि यह जांच फेफड़े के कैंसर से परेशान मरीजों के लिए यह जांच बेहद कारगर है। इसकी शुरुआत होने से न केवल जांच में लगने वाला समय कम होगा, बल्कि इसके लिए मरीज को कम से कम परेशानी से भी गुजरना पड़ेगा। गौरतलब है कि फेफड़े का कैंसर, कैंसर से होने वाली मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है। ऐसे में समय रहते बीमारी की पहचान बेहद आवश्यक है। एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड एक तरह की स्कैनिंग प्रक्रिया है, जिसके तहत फेफड़े के आसपास की ग्रंथि (लिंफनोड) में हुए बदलाव को देखने में मदद मिलती है। साथ ही इससे फेफड़े के कैंसर के मरीज की चरण (स्टेज) का भी पता चलता है। कैंसर इलाज में मरीज के सटीक चरण का पता होना बेहद आवश्यक होता है। चरण को देखते हुए ही आगे का इलाज निर्धारित किया जाता है। अब तक अस्पताल में उपरोक्त जांच के लिए पारंपरिक तरीके का इस्तेमाल किया जाता था, हालांकि अब इसके लिए एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी मरीजों को अस्पताल में मिलने लगी है।
अस्पताल के थोरासिक कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. मयंक त्रिपाठी ने बताया कि “एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड (ईबस) जांच फेफड़े के कैंसर के लिए आधुनिक जांच है। इस जांच में कम समय लगने के चलते न केवल मरीज को तुरंत आगे की प्रक्रिया के लिए तैयार कर दिया जाता है, बल्कि उसे किसी भी तरह की तकलीफ भी नहीं होती। जांच को करने के लिए मरीज के मुंह में एक तार अंदर डाला जाता है। इस तार में आगे कैमरा लगा रहता है। कैमरे की मदद से हमें फेफड़े के आसपास के लिंफनोड में हुए बदलाव को देखने में मदद मिलती है और बेहद आसान तरीके से यह जांच पूरी भी हो जाती है। फेफड़े के कैंसर की जांच के लिए फिलहाल एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड की सुविधा देश में कुछ ही जगहों पर ही उपलब्ध है। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र उपरोक्त जांच की सुविधा देने वाला पूर्वांचल का पहला अस्पताल है। कैंसर की जांच के साथ ही एंडोब्रोंकाइल अल्ट्रासाउंड के जरिए फेफड़े से जुड़ी दूसरी तरह की बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आकाश आनंद ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों के कैंसर मरीजों को एक छत के नीचे गुणवत्तापरक इलाज देने के लिए महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल प्रतिबद्ध है। इसी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ते हुए समय-समय पर मरीजों के हित को देखते हुए नई सुविधाओं की शुरुआती का जा रही है।