असम के 32 जिले बाढ़ की चपेट में, 30,99,762 लोग प्रभावित

24 घंटों में आठ लोगों की गई जान, अब तक 62 की मौत

गुवाहाटी : असम के 32 जिले बाढ़ और भू-स्खलन की चपेट में हैं। इससे 30,99,762 लोग प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने राहत और बचाव कार्य में पूरी ताकत झोंक दी है। राहत और बचाव अभियान के लिए अतिरिक्त संसाधनों को जुटाया गया है। गंभीर रूप से बाढ़ प्रभावित जिलों में पिछले 24 घंटों के दौरान (बीती रात तक) आठ लोगों की मौत हुई है। बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आने से अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है। एएसडीएमए के के अनुसार बाढ़ और भूस्खलन से पिछले 24 घंटों के दौरान 32 जिलों के 4,296 गांवों की कुल 30,99,762 आबादी प्रभावित हुई है। पिछले 24 घंटों में बाढ़ से कुल 66455.82 हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित हुई है। पिछले 24 घंटों में 8 लोगों की जान चली गई और अब तक, राज्य में कुल 62 लोगों (बाढ़ में 51 और भूस्खलन में 11) की मौत हो चुके है। सभी प्रभावित क्षेत्रों में 514 राहत शिविर और 302 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं। इन राहत शिविरों में कुल 1,56,365 प्रभावित लोग रह रहे हैं। लगातार बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति पर प्रशासन की ओर से कड़ी नजर रखी जा रही है।

असम के सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ बाढ़ की तैयारियों और प्रतिक्रिया पर एएसडीएमए के सम्मेलन हॉल में अतिरिक्त मुख्य सचिव सैयदीन अब्बासी की अध्यक्षता में शनिवार को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित गई जिसमें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव समीर कुमार सिन्हा और सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री के निर्देशों की जानकारी देते हुए सिन्हा ने कहा है कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में पर्याप्त खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए और राहत कार्यों से किसी भी प्रकार से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। सभी उपायुक्तों को कार्मिक विभाग, असम सरकार को राहत कार्य के लिए अतिरिक्त मानव संसाधनों के लिए अनुरोध करना चाहिए। जल संसाधन विभाग द्वारा सभी उल्लंघन बिंदुओं की पहचान की जानी है और बाढ़ के पानी के घटने के तुरंत बाद अस्थायी रूप से बंद करने का कार्य किया जाना है। राज्य सरकार कनेक्टिंग सड़कों में भूस्खलन की वर्तमान स्थिति को देखते हुए बराक घाटी जिलों में ईंधन और आवश्यक खाद्य पदार्थों के स्टॉक की उपलब्धता की निगरानी कर रही है। सभी उपायुक्तों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी के लिए कड़े कदम उठाने को कहा गया है।

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