नई दिल्ली। बर्मिंघम में 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय महिला और पुरूष हॉकी टीमें क्रमशः 29 और 31 जुलाई को अपने अभियान की शुरुआत करेंगेए जिसमें दोनों पक्ष अपने पहले मैच में घाना का सामना करेंगे। भारतीय महिला टीम के पास 20 साल बाद राष्ट्रमंडल खेलों में फील्ड हॉकी में स्वर्ण पदक जीतने का यह एक सुनहरा मौका है। भारत ने सूरज लता की कप्तानी में 2002 में मैनचेस्टर में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। हॉकी ते चर्चा के एपिसोड 29 मेंए सुमन बाला, जो 2002 में मैनचेस्टर में स्वर्ण जीतने वाली टीम का हिस्सा थींएने उस दौरान के कुछ यादगार क्षणों को साझा किया। दो दशक पीछे जाते हुएए भारत की पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुमन ने कहा कि उन्हें और उनके साथियों को उनकी उपलब्धि पर बहुत गर्व है। उन्होंने इस तथ्य पर भी निराशा व्यक्त की कि वह यूके में टीमों को खेलते नहीं देख सकतीए क्योंकि वह हाल ही में कनाडा चली गई थीं।
सुमन ने कहाए ष्मेरे और 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों की टीम के लिएए यह एक सुनहरा क्षण था और जितना अधिक हम इसके बारे में सोचते हैंए उतना ही हम खुद पर गर्व महसूस करते हैं। मुझे उम्मीद है कि मौजूदा टीमें राष्ट्रमंडल खेलों में कुछ खास करने जा रही हैं। 2002 में भारतीय टीम के अभियान के बारे में सुमनए जो 1998 कुआलालंपुर राष्ट्रमंडल खेलों में भी खेली थीए ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत एक महत्वपूर्ण मोड़ था और उन्हें अपनी उपलब्धि के महत्व का एहसास देर में हुआ। उन्होंने कहाए ष्मैं मैनचेस्टर में बहुत घबराई हुई थी और उद्घाटन समारोह में जब मैंने भीड़ को देखाए तो मैं सोच रही थी कि स्वर्ण हासिल करने वाली कौन सी भाग्यशाली टीम होगी। मुझे नहीं पता था कि मैं उन भाग्यशाली लोगों में से एक बनूंगी।ष्